बुक्सा जनजाति के पारम्परिक आभूषण व परिधान वस्त्र
बुक्सा जनजाति महिलाओं में पर्दा प्रथा सदियों से चली आ रही है और आज भी प्रचलित है पंवार/परमार वंशीय बुक्सा राजपूत महिलाएं आज भी अपने संस्कार रीति रिवाजों को संजोय रखी है बड़ों का आदर मान सम्मान जेठ ससुर के सामने पर्दा करना आदि संस्कार अब भी कूट-कूट कर भरे हुए हैं क्योंकि यह राजपूत महिलाओं की पहचान हैं अपने से बड़ों को इज्जत देना और कुछ ऐसे रिश्ते हैं जैसे जेठ ससूर के समक्ष घूंघट या पर्दा करना।
प्राचीन काल में बुक्सा जनजाति की महिलाएं ज्यादातर चांदी के जेवर ही पहना करती थी जिसमें प्रमुख जेवर थे
A.उत्तराखंड की कुमाऊं मंडल की बुक्सा जनजाति की महिला द्वारा पहने जाने वाले प्राचीन पारंपरिक आभूषण
1.झांझन-पैरो की कलाई में 2.छला-पैरो के अंगूठे में 3.विछिया -पैरो की ऊंगली में 4.टैंगली-कमर में 5.हसलिया-गले में 6.हलैम हार-गले में माला के रूप में 7.पौंची-हाथ की कलाई में 8.चिरईया-हाथ की ऊंगली में 9.चिरोटा-हाथ के अंगूठे में 10.आर सी- हाथ के अंगूठे में 11.खयला वाच्चौक-हाथ के बाजू में 12.बुलाक-नाक में 13.बिरबिंदी झुमका-माथे पे 14.पखरे-कान में 15.चूडो-बाल में । 16.नथुनिया(सोने की) 17.परिबंध-हाथ की कलाई में 17.घूंघट-सिर माथे में 18.खडूआ-हाथ में। 19.मुदरिया-हाथ की ऊंगली में। 20.दुरिया बाली-कान मे 21.बाजूबंद 22.रामडौल 23.लच्छा 25.चंदन हार,
नोट-समस्त आभूषण केवल चांदी के पहनते थे नथुनिया को छोड़कर ।
B.गढ़वाल मंडल की बुक्सा जनजाति की महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले प्राचीन पारंपरिक आभूषण-
1.पाजेब-पैरो में 2.छल्ला-पैरो की ऊंगली में 3.कमर बंद -कमर में 4.दस्तबंद-हाथो की कलाई से ऊंगली तक 5.पंचगली-गले में 6.हलैम.गले में 7.नूपूर-कान में 8.कौडा-सिर में 9.चक-बालो के पीछे 10.बिंदी-माथे पे 11. हसुली-गले में 12.बाली-कान में 13.झुमके-कान में 14.अंगूठी-हाथ की ऊंगली में
नोट-समस्त आभूषण केवल चांदी के पहनते थे ।
पुरूषों के आभूषण
1.मुदरिया- हाथ की ऊंगली में 2.दुरिया बाली-कान में
बुक्सा जनजाति की महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले पारंपरिक वस्त्र
अंगिया गुनिया हुनिया झुगली मूचडा खंता मिसरू सलूआ घूंघट,चोपटा,चुनरी,आदि
पुरूषों के वस्त्र-कछ, कुर्ता, पैजामा, पगड़ी, बुक्साड़ी टोपी,जवार काट,
यह सारे वस्त्र बासन वेस मखमल और सूती कपड़े के होते थे
वर्तमान में पहने जाने वाले आभूषण-नथ,गलूबंद, चैनपट्टी (पायल) मांग टीका,झुमके,चूड़ी,बिंदी,बाली, मंगलसूत्र,अंगूठी,
वर्तमान में वस्त्र-पेंट कमीज कुर्ता पैजामा जीन्स टी-शर्ट आदि आधुनिक युग के सब वस्त्र पहनते है
वर्तमान में महिलाओं के वस्त्र -शूट सलवार साड़ी, धोती,जीन्स टोप चुन्नी लहेंगा पिछोटा आदि आधुनिक युग के सभी वस्त्र।
जय हो राजपूत बुक्सा समाज की।
लेखक अमर सिंह सकतपुरिया बाजपुर उत्तराखंड