बुक्सा जनजाति उत्तराखंड के 5 जिलों में उधम सिंह नगर नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार,देहरादून और उत्तर प्रदेश के 2 जिले बिजनौर,सहारनपुर, देहरादून जिले के सहसपुर विकासनगर और डोईवाला विकासखंड तथा हरिद्वार जिले के बहादराबाद विकासखंड और जिला पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा विकासखंड और जिला उधम सिंह नगर के काशीपुर बाजपुर गदरपुर विकासखंड, जिला नैनीताल के रामनगर विकासखंड और उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिला के नजीबाबाद नगीना विकासखंड में तथा सहारनपुर जिला के बेहट विकासखंड में निवास करती है ।
बुक्सा समाज का इतिहास-
बुक्सा समाज खुद को पंवार/परमार वंश का मानता है। धारानगरी से आए श्रद्धेय राजा जगतदेव सिंह अपनी सेना व रानियों राजकुमारों राजकुमारियों तथा बाल बच्चो महिला पुरुष व बुजुर्गो के साथ उत्तराखंड के तराई क्षेत्र के जंगलों में आकर बसे और पंवार/परमार वंश के बाकी राजा व सेना मुगलों से युद्ध करने लगी और युद्ध में अपने परिवार की रक्षा के लिए शहीद हो गए। उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में सर्वप्रथम बुक्सा समाज ही वसा था इसलिए बुक्सा समाज को मूल निवासी या आदिवासी कहते हैं।